मलेरिया के लक्षण, कारण, निदान, प्रकार, बचाव और उपचार

मलेरिया के लक्षण

मलेरिया एक प्रकार का संक्रमण है,जो अनोफेलीज मच्छरों के काटने से फैलता है। यह मच्छरों द्वारा होता है और मच्छर ही इसे एक से दूसरे व्यक्ति तक फैलाते है।इसके होने का कारण प्लास्मोडियम गेनस के कीटाणु होते हैं। इसमें व्यक्ति को बहुत दर्द होता है, यदि समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकता है। मलेरिया का सही निदान और समय पर उपचार के लिए एंटीमलेरियल दवाओं का उपयोग किया जाता है।

मलेरिया के लक्षण 

मलेरिया लक्षण को गंभीरता से लेना चाहिए, यह बढ़ने पर ज्यादा समस्या पैदा कर सकते हैं। मलेरिया और टाइफाइड के लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं। मलेरिया के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं।

तेज बुखार- मलेरिया में बहुत तेज बुखार होता है, जो बार-बार होता रहता है तो बुखार तापमान बढ़ता रहता है।  

थकान और कमजोरी- मलेरिया में थकान और कमजोरी हो सकती है, इसमें आपको बार-बार थकान महसूस हो सकती है।

चक्कर आना- मलेरिया के कुछ मामलो में कमजोरी से चक्कर आने जैसी संभावनाएं हो सकती है।

सिरदर्द– मलेरिया में सिरदर्द और मांसपेशियों के दर्द हो सकता है।

खाना पीने में कमी- मलेरिया होने पर व्यक्ति का भूख और प्यास नहीं लगती है, इसमें कुछ भी खाने-पीने की इच्छा कम हो सकती है।

पेट में दर्द- मलेरिया पेट में दर्द  और कई समस्याओँ का कारण बन सकता है।

सोने में समस्या- मलेरिया में दर्द के कारण व्यक्ति को नींद आने में भी समस्या हो सकती है।

यदि आपको ये लक्षण महसूस होते हैं, या आप किसी मलेरिया संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और उचित उपचार करवाएं। समय पर मलेरिया के इलाज होना आवश्यक है,  यह व्यक्ति के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और गंभीर समस्याओं से बचने में मदद करता है।

मलेरिया के कारण

मलेरिया होने का मुख्य कारण मलेरिया बैक्टीरियम सल्मोनेला टाइफी के इंफेक्शन होने हैं, यह बैक्टीरियम संक्रमित व्यक्ति के मल-मूत्र से निकलकर भोजन या पानी के साथ या संपर्क के माध्यम से दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं। इसके पश्चात ये बैक्टीरियम मानव शरीर के अंदर चले जाते हैं, जहां वे आंतों में जाकर उन्हें संक्रमित करते हैं और यह रक्त में आपके पूरे शरीर में फैल जाता है। जिससे आपके लक्षण गंभीर होने लगते है। मलेरिया फैलने के यहां कुछ साधारण कारण दिए गए हैं।

  • अस्वच्छ और नियंत्रित जल पान करना
  • दूसरे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना
  • संक्रमित खाद्य पदार्थों का सेवन करना
  • मच्छरों के काटने से होना (मलेरिया मच्छरों द्वारा फैलता है)
  • जनसंख्या अधिक बढ़ने के कारण स्वच्छता कम होती जा रही है, यह भी एक कारण है। 

इन कारणों के चलते विशेष रूप से गर्मियों में मलेरिया ज्यादा फैलता है, क्योंकि इस मौसम में मच्छर ज्यादा होते हैं। मलेरिया को रोकने के लिए स्वच्छता, मच्छर से बचाव,साफ पर्यावरण आदि बहुत जरूरी है। 

मलेरिया के प्रकार

मलेरिया प्लाज्मोडियम पैरासाइट के कारण होता है। इसके कई प्रकार होते हैं, जो निम्न हैं।  

प्लाज्मोडियम फैल्सिपारम- यह मलेरिया का सबसे घातक रूप होता है, ज्यादातर मलेरिया से जान जाने का कारण प्लाज्मोडियम फैल्सिपारम ही होता है। यह मलेरिया बुखार से जान जाने का कारण होता है, जो खासकर करके बच्चों और गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है।

प्लास्मोडियम मलेरिये- यह मलेरिया का एक अन्य सामान्य प्रकार है और लंबे समय तक धीरे-धीरे बुखार के लक्षणों के साथ रहता है।

प्लास्मोडियम विवैक्स- यह मलेरिया का सबसे सामान्य प्रकार है और आम तौर पर हल्का या मध्यम ज्वर के लक्षणों के साथ प्रकट होता है। दक्षिण एशिया और अफ्रीका में सबसे ज्यादा होता है।

प्लास्मोडियम ओवाले- यह भी एक अन्य प्रकार का मलेरिया है, लेकिन यह बहुत कम देखा जाता है और आम तौर पर धीरे-धीरे बुखार के लक्षणों के साथ होता है।

मलेरिया का निदान

मलेरिया का निदान

मलेरिया के लक्षण होने पर जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं, तो वो आपके ब्लड का सैंपल लेता है। अब उस सैंपल को माइक्रोस्कोपिक जांच के लिए भेजा जाता है। जिससे यह पता चलता है कि आपको मलेरिया है। इसके आधार पर डॉक्टर आपको दवाएं और सही खान-पान की सलाह देता है।

मलेरिया से बचाव

मलेरिया से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय दिए गए हैं जो इस प्रकार हैं।

  • मलेरिया के संक्रमित मच्छरों से बचने के लिए सोते समय मच्छरदानी लगाकर ही सोए।
  • अपने आस-पास के इलाके को साफ और स्वच्छ रखें। नले, पानी टंकी, घर के चारों तरफ पानी जमा न होने दें। 
  • जिस मौसम और जिस इलाके में मच्छर सबसे अधिक हो, वहां जाने से जरूर बचें।
  • मच्छरों को खतम करने के लिए नियमित रूप से मार्केट में उपलब्ध किसी भी प्रकार की दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। 
  • जिस समय मलेरिया ज्यादा फैलता है आप मलेरिया का वैक्सीनेशन जरूर करा लें।
  • मलेरिया के लक्षण दिखाई देते ही तुरंत चिकित्सक संपर्क करें। 

मलेरिया का इलाज

मलेरिया को जल्द से जल्द इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपके चिकित्सक द्वारा मलेरिया बैक्टीरियम  को नष्ट करने के लिए दवाएं दी जाएंगी। कुछ बैक्टीरियम दवाओं के लिए प्रतिरोधी हो सकते हैं।कुछ दवाएं अन्य दवाओं के साथ मिलाकर दी जाती हैं।मलेरिया बैक्टीरियम के प्रकार से तय होता है कि आपको कौन सी दवा दी जाएगी और कितने समय तक आपको इसका सेवन करना है।एंटीमलेरियल दवाएं इस प्रकार से हैं।

  • आर्टेमिसिनिन दवाएं ( यदि यह दवा उपलब्ध है तो प्लास्मोडियम फैल्सिपारम मलेरिया के लिए आर्टेमिसिनिन कम्बिनेशन थेरेपी सबसे अच्छी दवा है।)
  • मेफ्लोक्विन
  • क्विनाइन
  • क्लोरोक्विन
  • प्राइमाक्वीन
  • एटोवाक्वोन 
  • डॉक्सीसाइक्लिन

ऊपर दी हुई दवाओं से आप मलेरिया को ठीक कर सकते हैं।लेकिन आपको दवा का सेवन तब-तक करना है, जब तक आपका डॉक्टर आपसे ये निश्चित नहीं करता है, कि आप पूरी तरह से ठीक हो गए हैं।

Q&A

 मलेरिया में क्या खाएं?

मलेरिया में आपको ऐेसे आहार का सेवन करना चाहिए, जो हल्के को और जल्दी पाचन में सहायक हो जैसे, खिचड़ी, दलिया, सूप,फल,जूस आदि।

मलेरिया में कौन सा जूस पिएं?

मलेरिया में सेब, केला,मौसमी, चीकू, पपीता, संतरे आदि का सेवन कर सकते हैं।

क्या मलेरिया में दूध पी सकते हैं?

जी हां, आप मलेरिया में दूध पी सकते हैं, बल्कि डॉक्टर मलेरिया की दवाइयों को दूध के साथ लेने की सलाह देता है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है और इसका उद्देश्य किसी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। उचित चिकित्सा परामर्श के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श लें।

References:

  1. https://link.springer.com/article/10.1007/s12098-017-2332-2
  2. https://www.cdc.gov/malaria/diagnosis_treatment/index.html
  3. https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S0163445316000475