‘यदा यदा स्त्रियाः गर्भिणी भवति, तदा , ततः तस्य नूतनजीवनस्य आरम्भः भवति ।’
‘जब भी कोई महिला गर्भवती होती है, वहां से उसके नए जीवन की शुरुआत होती है।’
अबार्शन की प्रक्रिया पीड़ादायक होती है। इससे उबरने के लिए महिला को कुछ समय अपने शरीर को देना चाहिए। बहुत सी परिस्थितियों में दो सप्ताह तक रक्तस्राव बना रहता है, क्योंकि इस दौरान शरीर गर्भाशय यानी यूट्रस को साफ कर रहा होता है। कई मामलों में यह और अधिक लंबा हो सकता है।(3) इस दौरान सेक्स करने पर संक्रमण का खतरा बना रहता है। दो हफ्ते का समय मिलने पर शरीर खुद को हील कर लेता है और महिला भी मानसिक रूप से खुद को तैयार कर लेती है।
सेक्स के लिए करें सही समय का इंतजार
गर्भपात के समय महिला के शरीर से काफी रक्तस्राव हो जाता है। इस वजह से महिला को कई तरह की शारीरिक समस्याएं भी घेर सकती हैं। बुखार, ठंड, कमर दर्द, पैर में दर्द, लो बीपी, उल्टी, पेट-पेड़ू में दर्द और थकान जैसी समस्याएं भी सेक्स की तऱफ ध्यान नहीं ले जातीं।(3) गर्भपात किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होता। इस तरह की समस्या का सामना करने पर सही समय का इंतजार करना चाहिए।
उस समय गर्भनिरोधक (Contraception) का करें इस्तेमाल
दो प्रकार (सर्जिकल और मेडिकल) से होने वाले गर्भपात के बाद आमतौर पर तैयार (सेक्स के लिए) महसूस करते ही यौन संबंध बनाने में कोई दिक्कत नहीं है। फिर भी एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि आप तब तक इंतजार करें, जब तक योनि से रक्तस्राव बंद न हो जाए, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा। यदि आप गर्भवती नहीं होना चाहती हैं तो गर्भनिरोधक का प्रयोग करें, क्योंकि गर्भपात के तुरंत बाद आप फर्टाइल (fertile) हो सकती हैं।(2)
पार्टनर की मानसिक स्थिति (Mental health) का रखें ध्यान
साइंस डायरेक्ट की एक रिपोर्ट कहती है कि सामान्य गर्भपात का किसी महिला की भविष्य की प्रजनन क्षमता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। गर्भपात के आठ दिन बाद ही ओवुलेशन हो सकता है और 83 फीसद महिलाएं गर्भपात के बाद पहले चक्र के दौरान ओवुलेट करती हैं(1)। हालांकि सेक्स के लिए तैयार होने का मतलब केवल शरीर से तैयार होना नहीं, बल्कि इसके लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार होना जरूरी है।
माहभर करना पड़ सकता है इंतजार
स्त्री रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि अबॉर्शन के बाद सेक्स, महिला की इच्छा और भावनाओं पर निर्भर है। कुछ मामलों में महिलाएं इससे जल्दी उबर सकती हैं, जबकि कुछ महिलाओं को महीनेभर से ज्यादा का वक्त लग सकता है। सामान्य हेल्थ गाइडलाइन की मानें तो अबॉर्शन के बाद सेक्स करने का सही समय दो हफ्तों के बाद माना जाता है। जब किसी भी तरह की वजायनल ब्लीडिंग पूर्ण रूप से बंद हो जाए और सेक्स में महिला को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।
गर्भधारण के लिए तीन माह (Three months) करें वेट
सर्जिकल या चिकित्सीय गर्भपात के बाद किसी अन्य परीक्षण की आवश्यकता नहीं होती है। कुछ परिस्थितियों में यह जांचने के लिए स्कैन कराया जा सकता है कि गर्भ समाप्त हो गया है या नहीं। तत्काल बाद दवाओं व सर्जरी का दुष्प्रभाव दिख सकता है। सामान्य दशा में अबार्शन के प्रथम व दूसरे हफ्ते के दरम्यान आप फिर से गर्भ धारण कर सकती हैं। हालांकि, चिकित्सक सलाह देते हैं कि गर्भधारण के लिए कम से कम तीन महीने का इंतजार करना चाहिए, ताकि शरीर पूरी तरह से नये बच्चे के लिए तैयार हो सके।
अबॉर्शन को लेकर क्या कहता है कानून (Abortion Law) (5)
भारत में अबॉर्शन को लेकर मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 (The Medical Termination of Pregnancy Act, 1971) कहता है कि यदि किसी गर्भवती महिला को खतरा या फिर अजन्मे बच्चे में किसी जन्मजात समस्या का खतरा हो या फिर गर्भावस्था की अवधि 12 हफ्ते से कम हो तो गर्भपात किया जा सकता है। कुछ विशेष स्थितियों में ज्यादा समय तक की प्रेग्नेंसी में अबॉर्शन की छूट है।
आयुर्वेद की दृष्टी से गर्भपात के बाद कब संबंध बना सकते हैं (6)
मालूम हो, कि केरल अपने आयुर्वेदिक उपचारों के लिए प्रसिद्ध है, और गर्भपात के बाद की देखभाल भी इसका अपवाद नहीं है। आयुर्वेदिक चिकित्सक बेहतर परिसंचरण और बेहतर उपचार के लिए मालिश और जानू बस्ती (श्रोणि क्षेत्र के लिए एक मालिश तकनीक) जैसे उपचार का सुझाव दे सकते हैं।
अन्य उपचारों में अश्वगंधा और शतावरी जैसी हर्बल चाय का सेवन शामिल है, जो स्ट्रेस, तनाव और थकान को कम करने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त, चिकित्सक स्वास्थ्य और जीवन शक्ति में सुधार के लिए ऐसे आहार का सुझाव दे सकते हैं जिसमें साबुत अनाज और प्रोटीन की मात्रा अधिक हो। इन उपचारों से, महिलाएं अपनी शक्ति और ऊर्जा पुनः प्राप्त कर सकती हैं और ठीक होना शुरू कर सकती हैं।
आयुर्वेद गर्भपात के बाद की देखभाल का इलाज कैसे कर सकता है (Ayurveda can treat Post Miscarriage Care) (6)
गर्भपात के बाद देखभाल के लिए आयुर्वेद एक प्रभावी उपचार हो सकता है। यह थकान, चिंता, अवसाद और हार्मोनल असंतुलन जैसे शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। आयुर्वेदिक उपचार पाचन में सुधार, सूजन को कम करने और शरीर में संतुलन बहाल करने में मदद कर सकते हैं। शरीर को ठीक करने और तनाव कम करने में मदद के लिए हर्बल उपचार, मालिश और आहार परिवर्तन का भी उपयोग किया जा सकता है। आयुर्वेद का उपयोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और भविष्य की गर्भधारण को संभालने के लिए शरीर को बेहतर ढंग से तैयार करने में मदद करने के लिए भी किया जा सकता है।
गर्भपात के बाद दुष्प्रभाव (Side effects) व सावधानी (4)
- अबॉर्शन के तुरंत बाद सेक्स से वजायनल इंफेक्शन का खतरा।
- सेक्स करते हुए असहनीय दर्द होना और अनचाही प्रेग्नेंसी।
- अबॉर्शन के तुरंत बाद महिला फर्टिलाइल होती है, इसलिए सेक्स से बचें।
- दोबारा गर्भधारण के लिए तीन माह तक इंतजार करें।
- गर्भाशय की जांच के बाद ही गर्भवती होने के बारे में सोचें।
- गर्भपात के पश्चात धीरे-धीरे यौन संबंध बनाएं। ऐसी किसी भी पोजीशन में सेक्स न करें, जिसमें तकलीफ हो।
- पुरुष साथी को भी अपने पार्टनर की शारीरिक और मानसिक स्थिति को समझने की जरूरत होती है।
- अबार्शन या मिसकैरेज के बाद भ्रूण या टिशू के कुछ अंश अंदर रह जाते हैं, इसकी भी जांच कराएं।
- सामान्य स्थिति में चार से सात-आठ हफ्ते बाद मासिक शुरू हो जाता है। यह इस अबार्शन की कंडीशन पर भी निर्भऱ करता है।
FAQs
अबॉर्शन या मिसकैरेज के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए?
अबार्शन एक जटिल शारीरिक प्रक्रिया है, जो शरीर को पूरी तरह से निचोड़कर रख देती है। इस दौरान शरीर का काफी ध्यान रखना होता है। अबार्शन के पश्चात अपने डाक्टर से भी सलाह लेकर यौन संबंध पर विचार किया जा सकता है। ऐसा करने से निकट भविष्य में आनेवाली किसी भी प्रकार की समस्याओं से निपटा जा सकता है।
अबॉर्शन के तुरंत बाद सेक्स से समस्या होती है?
गर्भपात के तत्काल बाद यौन संबंध (सहवास) बनाने से महिलाओं को कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें वजायनल संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। अनचाही प्रेग्नेंसी एक बड़ी समस्या हो सकती है। यदि आप यौन संबंध बनाते हैं तो गर्भावस्था और एसटीआई को रोकने के लिए गर्भनिरोधक का प्रयोग करें।
गर्भपात के पश्चात कैसे करें देखभाल?
गर्भपात के पश्चात क्रैंप से राहत के लिए हीटिंग पैड का प्रयोग करें। जब तक शरीर इजाजत न दे, घरेलू कार्यों को अवाइड करें। क्रैंप होने पर पेट की मसाज कर सकते हैं। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें। स्तन में दर्द से राहत पाने के लिए फिट ब्रा पहनें। गर्भपात के दर्द और तनाव से बाहर आने के लिए घर के सदस्यों का भरपूर सहयोग जरूरी होता है।
References:
- https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S0020729214001532
- https://collingwoodsurgery.nhs.uk/new-york/common-questions/sexual-healthwhen-is-it-safe-to-have-sex-after-an-abortion
- https://www.nhs.uk/conditions/abortion/what-happens/
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK430793/
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC10321178/
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5566827/