किशमिश: पोषण तत्त्व, फायदे, उपयोग और नुकसान

किशमिश

किशमिश, जिन्हें सूखे अंगूर भी कहा जाता है, यह महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।यह ड्राई फ्रूट्स के अंतर्गत आता है,मीठे स्वाद के अलावा, किशमिश अनेक स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं। इसमें आहारी फाइबर, विटामिन, कैल्शियम, आयरन, और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। किशमिश में पाए जाने वाले फाइबर मल त्याग में भी मदद करते हैं और एक स्वस्थ पेट को बनाए रखने में सहायक होते हैं।  किशमिश खाने के कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:

किशमिश कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, किशमिश विटामिन C, विटामिन K, और बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन, साथ ही कैल्शियम, आयरन, और पोटेशियम जैसे खनिजों के एक अच्छा स्रोत हैं।

किशमिश में आहारी फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन क्रिया को स्वस्थ बनाती है और कब्ज को रोकने में मदद करती है। क्योंकि फाइबर भी हमारे आंत को स्वस्थ बनाए रखने का कार्य करता है जिससे नियमित मल त्याग में सहायता मिलती है।

किशमिश फ्लेवोनॉयड्स और पॉलीफेनॉल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो शरीर को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद करते हैं और फ्री रेडिकल्स से होने वाले सेल डैमेज होने से बचाने में मदद करता है।

किशमिश में पोटेशियम की मौजूदगी से स्वस्थ ब्लड शुगर लेवल बना रहता है, साथ ही फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स हृदय को स्वास्थ्य बनाए रखने में योगदान देते हैं जिससे हृदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है।

किशमिश में कैल्शियम और बोरॉन होता है, जो मजबूत हड्डियों को बनाए रखने और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों को रोकने के लिए आवश्यक है।

किशमिश ग्लूकोज और फ्रक्टोज जैसे साधारण शुगर के प्राकृतिक स्रोत होते हैं, जिससे ये एक्टिव व्यक्तियों के लिए एक बेहतर स्नैक होते हैं।

किशमिश में आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जो लाल रक्त कोशिकाओं (रेड ब्लड कॉरपसल्स) के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। इसके नियमित सेवन से यह एनीमिया को रोकने और इसका उपचार करने में मदद कर सकता है।

किशमिश में पाए जाने वाले ओलियानोलिक एसिड जैसे पदार्थ मुंह में होने वाले हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद करते हैं, जिससे हमारे दांत हेल्दी बने रहते हैं।

मिठा स्वाद होने के बावजूद, किशमिश कम कैलोरी वाले होते हैं और यदि सही मात्रा में सेवन किया जाए तो यह शरीर के वजन को नियंत्रित रखने में भी मददगार होता है।

किशमिश में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट यूवी रेडिएशन और पर्यावरणीय प्रदूषण से होने वाले स्किन डैमेज की समस्याओं से लड़ने में मदद कर सकते हैं, जिससे त्वचा स्वस्थ और चमकदार होती है। इसके अलावा भी सुबह खाली पेट किशमिश भिगोकर खाने से आपकी स्किन पर बेहतर प्रभाव पड़ता है।

किशमिश का उपयोग

याद रखें कि किशमिश को उचित मात्रा में सेवन करें, क्योंकि ये कैलोरी युक्त होते हैं, शुगर से बचने के लिए बिना शक्कर के विकल्प में आप किशमिश को चुनें। किशमिश को अपने आहार में शामिल करना एक स्वादिष्ट और पोषक तत्व से भरपूर तरीका हो सकता है जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य और विकास को बेहतर बनाने में मदद करता है। किशमिश का उपयोग छोटे बच्चों के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है। जो बच्चे खेलकूद में ज्यादा एक्टिव नहीं होते हैं और बहुत सुस्त या आलसी होते हैं, उन बच्चों के लिए किशमिश काफी लाभदायक हो सकता है क्योंकि किशमिश में ऐसे त्तव पाए जाते हैं जो शरीर में ऊर्जा को बढ़ाने का कार्य करते हैं। बच्चों को सुबह नाश्ते के पहले किशमिश देना फायदेमंद होता है ये आप उनके ब्रेकफास्ट में भी शामिल कर सकते हैं।

किशमिश का उपयोग

किशमिश के अधिक सेवन से होने वाले नुकसान

बेशक, किशमिश स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं क्योंकि इनमें पोषक तत्व होते हैं। लेकिन यदि आप इन्हें अत्यधिक मात्रा में सेवन करते हैं, तो किशमिश के दुष्प्रभावों का सामना कर सकते हैं।  नीचे हमने आपके लिए कुछ इसके दुष्प्रभावों की सूची बनाई है।इसपर एक नजर डालें।

अत्यधिक किशमिश के सेवन से ब्लडप्रेशर  का स्तर बढ़ सकता है। किशमिश में नेचुरल शुगर होता है और जब इसे अधिक मात्रा में खाया जाता है, तो यह शरीर के ग्लूकोज लेवल को बढ़ा देती है जिससे ब्लडप्रेशर में वृद्धि हो सकती है।

अधिक किशमिश के सेवन से पेट में गैस बन सकती है और पेट से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। यह पेट की समस्याएं जैसे अपच, बढ़ी हुई गैस, और पेट दर्द का कारण बन सकता है।

किशमिश में शुगर होने के कारण, इन्हें अधिक मात्रा में खाने से वजन बढ़ सकता है। खासकर उन्हें खाने के बाद बेड़ पर सोने से वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।

अधिक किशमिश के सेवन से शरीर के ग्लूकोज लेवल बढ़ सकता है, जिससे डायबिटीज के रोगियों के लिए समस्या उत्पन्न हो सकती है।

ध्यान दें कि किशमिश को उचित मात्रा में सेवन करें, और यदि आपको किशमिश के सेवन से किसी भी प्रकार की समस्या हो रही है, तो इसे खाना बंद करें और चिकित्सक से सलाह लें।

निष्कर्ष

वैज्ञानिक साक्ष्य के अनुसार, किशमिश की चीनी की उच्च मात्रा के बावजूद, वे लाभप्रद तत्वों का स्रोत और एक स्वस्थ स्नैक हैं। वे बेहतर आहार गुणवत्ता में सहायक होते हैं, और इन्हें भोजन से पहले खाने से सामान्य वजन और स्वस्थ व्यक्तियों में भोजन नियंत्रण के लिए अनुकूल हो सकता है। किशमिश खाने से भूख कम हो सकती है और आपके शरीर को प्रभावित करने वाले हार्मोन्स को बदलकर आहार की ऊर्जा सेवन कम कर सकते हैं, जिससे भोजन के ऊर्जा सेवन को कम करने में मदद मिलती है, यह शरीर के वजन को बनाए रखने में मदद कर सकती है। अपने दैनिक आहार में किशमिश को शामिल करने से कुछ जोखिम प्राकृतिक तौर पर कम हो सकते हैं, हालांकि यह प्रभाव वजन बढ़ाने वाले व्यक्तियों में नहीं दिखाई दिया गया था।

Q&A

क्या किशमिश त्वचा के लिए अच्छे होते हैं? 

किशमिश रोजाना खाने से आपकी स्किन रिंकल फ्री और चमकदार बनी रहती है। यह  मुंहासे कम करने में भी सहायक होते हैं। किशमिश में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को ताजगी देने और एंटी एजिंग से रोकने में मदद करते हैं। किशमिश खून को भी शुद्ध करते हैं।

क्या भिगोए गए किशमिश अच्छे होते हैं? 

हां, वे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। पानी में भिगोए गए किशमिश

शरीर को डिटॉक्सिफाई करते हैं
पाचन स्वास्थ्य को मजबूत करते हैं
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं
डाइजेस्टिव सिस्टम में मदद करते हैं
हड्डियों और दांतों को स्वास्थ्य बनाए रखते हैं
हृदय को हेलेदी बनाए रखने में मदद करते हैं

कौन से प्रकार का किशमिश स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है? 

कहा जाता है कि सुनहरे किशमिश दूसरों से थोड़ा अधिक स्वस्थ होते हैं। इसलिए, इसमें अन्य प्रकार की किशमिशों की तुलना में ज्यादा फ्लेवोनॉयड्स होते हैं।

क्या मधुमेह के रोगी किशमिश खा सकते हैं?

 किशमिश में कोई भी एक्ट्रा फैट या कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है बल्कि इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और पोटैशियम जैसे स्वस्थ पोषक तत्व होते हैं। ये मधुमेह रोगियों के लिए एक अच्छा विकल्प है।

एक दिन में कितने किशमिश खाना चाहिए? 

औसतन, आप एक दिन में लगभग 8-10 किशमिश खा सकते हैं।

क्या किशमिश वजन बढ़ाते हैं? 

हालांकि किशमिश की कैलोरी भरपूर होती हैं, लेकिन यदि उन्हें उचित मात्रा में सेवन किया जाए तो वे आपको मोटा नहीं करते हैं। वे केवल तब वजन बढ़ा सकते हैं जब अत्यधिक मात्रा में खाए जाएं।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है और इसका उद्देश्य किसी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। उचित चिकित्सा परामर्श के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श लें।

References

  1. https://synapse.koreamed.org/articles/1081495
  2. https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0308814616316661
  3. https://www.mdpi.com/2072-6643/12/1/54
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Dr. Deepa Kadam

Dr. Deepa has over 25 years of experience making her one of the notable medical professionals in the field of Ayurveda with expertise in Ayurvedic pharmacology.

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