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थायराइड का रामबाण इलाज (thyroid ka ramban ilaj) है यह 12 घरेलु उपचार

थायराइड का रामबाण इलाज
थायराइड का रामबाण इलाज

थायराइड की समस्या बहुत से लोगों में देखने को मिलती है, जिससे जीवन थोड़ा कठिन हो जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां आपकी थायराइड ग्लैंड अधिक मात्रा में थायरोक्सिन हार्मोन उत्पन्न करती है। थायराइड की समस्या में वजन घटने, अनियमित दिल की धड़कन, आदि समस्याएं हो सकती हैं। थायराइड ग्रंथि कुछ ऐसे हार्मोन पैदा करते हैं जिससे हाइपोथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म जैसी स्थितियां भी उत्पन्न होती हैं।  थायराइड के लक्षण विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं और वजन में परिवर्तन, थकान, बालों का झड़ना, भी शामिल हो सकते हैं। थायराइड से दो स्थितियां पैदा हो सकती हैं।

हाइपरथायरायडिज्म – यह आपकी चयापचय दर बढ़ जाती है, जिसका अर्थ है कि जब थायरॉयड अत्यधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन करता है, तो शरीर ऊर्जा का बहुत तेजी से उपयोग करता है, जिसे हाइपरथायरायडिज्म के रूप में जाना जाता है। बहुत तेजी से ऊर्जा का उपयोग करने से दिल की धड़कन तेज हो सकती है, वजन कम हो सकता है।

हाइपोथायरायडिज्म – थायराइड द्वारा बहुत कम थायराइड हार्मोन (टी3, टी4) का उत्पादन करना हाइपोथायरायडिज्म के रूप में जाना जाता है। इससे आपको थकावट महसूस होती है, वजन बढ़ता है, या यहां तक कि आप ठंड के प्रति संवेदनशील भी हो जाते हैं।

थायराइड के घरेलु उपचार थायराइड से संबंधित लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए घरेलू उपचार मदद कर सकते हैं, लेकिन वे चिकित्सक सलाह के बाद ही लेना चाहिए।यहां थायराइड कुछ रामबाण घरेलू उपचार दिए गए हैं जो थायराइड की समस्याओं के लिए उपचार में मदद कर सकते हैं।

आयोडीन युक्त आहार- थायराइड में आपको सही मात्रा में आयोडीन युक्त आहार लेना चाहिए। जिसमें सीफूड,आयोडीनय युक्त नमक, मछली और कई डेयरी प्रोडक्ट भी शामिल है।हालांकि, अधिक आयोडीन सेवन से बचें, खासकर अगर आपको हाइपरथायराइडिज्‍म है।

सेलेनियम युक्त आहार (Selenium) – सेलेनियम थायराइड से परेशान लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह सूरजमुखी के बीज और मशरूम जैसे प्रोडक्ट में सेलेनियम के अच्छे स्रोत हैं।

जिंजर – थायराइड के लिए सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपचार के लिए जिंजर (अदरक) एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जिंजर के अन्ति-शोथी, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटीबैक्टीरियल गुणों के साथ-साथ, इसमें कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

जिंजर - थायराइड का रामबाण इलाज


अश्वगंधा – इस अडैप्टोजेनिक हर्ब के बारे में बताया जाता है कि यह हार्मोन लेवल को संतुलित करने और तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे थायराइड वाले व्यक्तियों को इससे फायदा हो सकता है।

नारियल तेल- कुछ अध्ययन बताते हैं कि नारियल तेल अपने मीडियम-चेन फैटी एसिड के कारण थायराइड के कार्य का समर्थन कर सकता है।

एलोवेरा का रस – थायराइड रोग के लिए एलोवेरा एक घरेलू उपचार है, क्योंकि यह प्राकृतिक पदार्थ थायराइड ऑटोएंटिबॉडी को कम करने में मदद करता है, जो फ्री थायरॉक्सीन (एफटी 4) के सीरम स्तर को बढ़ाते हैं और सीरम थायरोट्रोपिन (टीएसएच) को कम करते हैं।

नियमित व्यायाम – नियमित शारीरिक गतिविधि करने से थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता है।

स्ट्रेस मैनेजमेंट- लंबे समय से तनाव में रहने से थायराइड पर असर पड़ता है। इसलिए थायराइड वाले व्यक्तियों को मेडिटेशन या किसी प्रकार का योग करते रहना फायदेमंद होता है। 

गॉइट्रोजेनिक खाद्य से बचें – हाइपोथायराइडिज्म वाले व्यक्तियों को कुछ गॉइट्रोजेनिक खाद्य प्रोडक्ट जैसे केला, गोभी, फूलगोभी और सोया के उत्पादों का सेवन करने नियंत्रित रखना चाहिए।

संतुलित आहार-  अपने आहार में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए। पोषक तत्व वाले आहार थायरॉइड के कार्य को सरल बनाता है। 

हर्बल टी – हर्बल टी जैसे ग्रीन टी, लेमन टी और जड़ी-बूटियों वाली चाय थायराइड के लिए बहुत लाभदायक होते हैं।

पर्याप्त नींद- हार्मोन लेवल को बैलेंस बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद होना बहुत महत्वपूर्ण है।

ध्यान दें कि घरेलू उपचार के प्रति व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएं भिन्न हो सकती हैं, और सभी उपचार सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते हैं। इसलिए किसी भी प्रकार का उपचार करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

हर्बल टी - थायराइड का इलाज

थायरॉइड क्या है?

थायरॉइड एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो गले में स्थित होती है और तितली के आकार की होती है। यह ग्रंथि ट्रेकिया (श्वासनली) के सामने स्थित होती है। थायरॉइड ग्रंथि का मुख्य कार्य हार्मोनों का उत्पादन और स्राव करना है, जो शरीर की मेटाबोलिज्म, ऊर्जा उत्पादन, और विकास के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करते हैं। थायरॉइड द्वारा निर्मित प्रमुख हार्मोन थायरॉक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) हैं। ये हार्मोन शरीर की ऊर्जा उपयोग की दर, विकास, और हृदय की कार्यप्रणाली जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करते हैं।

थायरॉइड ग्रंथि की असामान्यताएं स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। उदाहरण के लिए, हाइपोथायरॉइडिज्म तब होता है जब थायरॉइड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती, जिससे थकान, वजन बढ़ना, और अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं। दूसरी ओर, हाइपरथायरॉइडिज्म तब होता है जब थायरॉइड ग्रंथि अत्यधिक हार्मोन का उत्पादन करती है, जिससे वजन कम होना, अत्यधिक पसीना आना, और हृदय की धड़कन की दर बढ़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं के निदान और उपचार के लिए उचित चिकित्सकीय सलाह और परीक्षण आवश्यक होते हैं।

थायरॉइड रोग के प्रकार

थायरॉइड ग्रंथि से संबंधित रोग कई प्रकार के हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism): इस स्थिति में थायरॉइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है। इसके लक्षणों में थकान, वजन बढ़ना, ठंड सहन करने में कठिनाई, सूखी त्वचा, बालों का झड़ना, और अवसाद शामिल हैं। हाशिमोटो थायरॉइडिटिस इस स्थिति का एक सामान्य कारण है, जो एक ऑटोइम्यून विकार है।
  2. हाइपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism): इस स्थिति में थायरॉइड ग्रंथि अत्यधिक मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करती है। इसके लक्षणों में वजन कम होना, अत्यधिक पसीना, हृदय की धड़कन की दर बढ़ना, चिंता, और कंपकंपी शामिल हैं। ग्रेव्स रोग इस स्थिति का एक सामान्य कारण है, जो एक ऑटोइम्यून विकार है।
  3. गॉइटर (Goiter): यह थायरॉइड ग्रंथि की असामान्य बढ़ोतरी है, जो थायरॉइड हार्मोन उत्पादन के कम या ज्यादा होने के कारण हो सकती है। गॉइटर से गले में सूजन हो सकती है और सांस लेने या निगलने में कठिनाई हो सकती है।
  4. थायरॉइड नोड्यूल (Thyroid Nodules): ये ठोस या तरल से भरी गांठें होती हैं जो थायरॉइड ग्रंथि में विकसित होती हैं। अधिकांश नोड्यूल बेनाइन होते हैं, लेकिन कुछ कैंसरजनक भी हो सकते हैं। इनका निदान अल्ट्रासाउंड और बायोप्सी द्वारा किया जाता है।
  5. थायरॉइड कैंसर (Thyroid Cancer): यह थायरॉइड ग्रंथि में कैंसर कोशिकाओं का अनियंत्रित विकास है। इसके प्रकारों में पैपिलरी, फॉलिकुलर, मेडुलरी, और एनाप्लास्टिक थायरॉइड कैंसर शामिल हैं। इसका निदान आमतौर पर थायरॉइड नोड्यूल की बायोप्सी से किया जाता है और उपचार में सर्जरी, रेडियोधर्मी आयोडीन, और थायरॉइड हार्मोन प्रतिस्थापन थेरेपी शामिल हो सकते हैं।

थायरॉइड रोग होने के कारण

थायरॉइड रोग होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  1. ऑटोइम्यून विकार: ऑटोइम्यून विकार जैसे हाशिमोटो थायरॉइडिटिस और ग्रेव्स रोग थायरॉइड रोग के प्रमुख कारण होते हैं। हाशिमोटो थायरॉइडिटिस में प्रतिरक्षा प्रणाली थायरॉइड ग्रंथि पर हमला करती है, जिससे हाइपोथायरॉइडिज्म होता है। ग्रेव्स रोग में प्रतिरक्षा प्रणाली थायरॉइड ग्रंथि को अत्यधिक हार्मोन उत्पादन के लिए उत्तेजित करती है, जिससे हाइपरथायरॉइडिज्म होता है।
  2. आयोडीन की कमी या अधिकता: आयोडीन थायरॉइड हार्मोन उत्पादन के लिए आवश्यक है। आयोडीन की कमी से गॉइटर और हाइपोथायरॉइडिज्म हो सकता है, जबकि अत्यधिक आयोडीन सेवन हाइपरथायरॉइडिज्म का कारण बन सकता है।
  3. विरासत (Genetics): यदि परिवार में किसी को थायरॉइड रोग है, तो अन्य परिवार के सदस्यों में भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। कई थायरॉइड रोग वंशानुगत हो सकते हैं।
  4. संक्रमण या सूजन (Thyroiditis): थायरॉइड ग्रंथि की सूजन (थायरॉइडिटिस) भी थायरॉइड हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। इसका कारण वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया, या दवाओं का दुष्प्रभाव हो सकता है।
  5. रेडिएशन थेरेपी: सिर और गर्दन के क्षेत्र में रेडिएशन थेरेपी थायरॉइड ग्रंथि को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे हाइपोथायरॉइडिज्म का जोखिम बढ़ जाता है।
  6. सर्जरी: थायरॉइड ग्रंथि का आंशिक या पूर्ण रूप से हटाया जाना (थायरॉइडक्टॉमी) भी थायरॉइड हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है और हाइपोथायरॉइडिज्म का कारण बन सकता है।
  7. दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे लिथियम, थायरॉइड हार्मोन के उत्पादन और स्राव को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे हाइपोथायरॉइडिज्म या हाइपरथायरॉइडिज्म हो सकता है।

इन कारणों के अलावा, गर्भावस्था और जन्म देने के बाद हार्मोनल परिवर्तन भी थायरॉइड समस्याओं को उत्पन्न कर सकते हैं। थायरॉइड रोगों का निदान और उपचार चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह पर आधारित होना चाहिए।

थायराइड के लक्षण क्या है

थायरॉइड रोग के लक्षण प्रभावित व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करते हैं, जैसे कि हाइपोथायरॉइडिज्म (थायरॉइड हार्मोन का निम्न स्तर) या हाइपरथायरॉइडिज्म (थायरॉइड हार्मोन का उच्च स्तर)। निम्नलिखित लक्षण सामान्यतः थायरॉइड समस्याओं से जुड़े होते हैं:

हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism) के लक्षण:

  1. थकान: अत्यधिक थकान और ऊर्जा की कमी।
  2. वजन बढ़ना: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन बढ़ना।
  3. ठंड सहन करने में कठिनाई: ठंड के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता।
  4. सूखी त्वचा और बाल: त्वचा का सूखना और बालों का पतला होना या झड़ना।
  5. कब्ज: मल त्याग में कठिनाई।
  6. डिप्रेशन: अवसाद और मूड में बदलाव।
  7. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द: मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द या सूजन।
  8. नींद की समस्याएं: नींद में कठिनाई या बहुत अधिक सोना।
  9. धीमा हृदयगति: हृदयगति का धीमा होना।

हाइपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism) के लक्षण:

  1. वजन कम होना: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना।
  2. तेजी से हृदयगति: हृदयगति का बढ़ना और अनियमित धड़कन।
  3. चिड़चिड़ापन: चिड़चिड़ापन और चिंता।
  4. अत्यधिक पसीना आना: अधिक पसीना आना और गर्मी के प्रति संवेदनशीलता।
  5. कंपकंपी: हाथों में हल्की कंपन।
  6. नींद की समस्याएं: नींद में कठिनाई।
  7. बालों का झड़ना: बालों का पतला होना और झड़ना।
  8. मांसपेशियों की कमजोरी: विशेष रूप से ऊपरी भुजाओं और जांघों में।
  9. मासिक धर्म में परिवर्तन: महिलाओं में मासिक धर्म का अनियमित होना या हल्का होना।

थायरॉइड की समस्याएं कभी-कभी धीरे-धीरे विकसित होती हैं और उनके लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के समान हो सकते हैं। इसलिए, सही निदान के लिए चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है। रक्त परीक्षण के माध्यम से थायरॉइड हार्मोन के स्तर की जांच कर सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है।

थायराइड के घरेलू उपचार

थायरॉइड समस्याओं के लिए घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव कुछ हद तक लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि किसी भी घरेलू उपचार को अपनाने से पहले एक चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श लें। यहाँ कुछ घरेलू उपचार और सुझाव दिए गए हैं जो थायरॉइड स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं:

हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism) के लिए घरेलू उपचार:

  1. आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ: आयोडीन की कमी हाइपोथायरॉइडिज्म का कारण बन सकती है। समुद्री भोजन, डेयरी उत्पाद, और आयोडीन युक्त नमक का सेवन बढ़ाएं।
  2. सेलेनियम युक्त खाद्य पदार्थ: सेलेनियम थायरॉइड हार्मोन के रूपांतरण में मदद करता है। ब्राजील नट्स, ट्यूना, और सूरजमुखी के बीज सेलेनियम के अच्छे स्रोत हैं।
  3. जिंक युक्त खाद्य पदार्थ: जिंक भी थायरॉइड कार्यप्रणाली में सहायक है। कद्दू के बीज, मांस, और नट्स में जिंक पाया जाता है।
  4. एंटी-ऑक्सीडेंट्स: ताजे फल और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं, विशेषकर वे जो विटामिन C और E में समृद्ध हैं।
  5. व्यायाम: नियमित व्यायाम मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है और थकान को कम करता है।
  6. प्राकृतिक सप्लीमेंट्स: अश्वगंधा और तुलसी जैसी जड़ी-बूटियाँ थायरॉइड स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायक हो सकती हैं।

हाइपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism) के लिए घरेलू उपचार:

  1. ब्रोकोली और गोभी: ये सब्जियां थायरॉइड हार्मोन उत्पादन को धीमा करने में मदद कर सकती हैं।
  2. लेमन बाम: यह एक हर्बल उपचार है जो थायरॉइड ग्रंथि को स्थिर करने में मदद कर सकता है।
  3. लिकोरिस (मुलेठी): यह थायरॉइड हार्मोन स्तर को संतुलित करने में सहायक हो सकता है।
  4. प्रोबायोटिक्स: आंत स्वास्थ्य को सुधारने के लिए दही, किमची, और अन्य प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  5. विटामिन और खनिज: विटामिन D, कैल्शियम, और मैग्नीशियम का सेवन बढ़ाएं।

सामान्य सुझाव:

  1. तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान, और गहरी साँस लेने के व्यायाम से तनाव को कम करें, जो थायरॉइड स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
  2. पर्याप्त नींद: नियमित और गुणवत्ता वाली नींद सुनिश्चित करें।
  3. हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी पिएं ताकि शरीर में विषाक्त पदार्थों का निकास हो सके।
  4. कैफीन और अल्कोहल से बचें: ये थायरॉइड ग्रंथि को प्रभावित कर सकते हैं।

ध्यान दें कि घरेलू उपचार मुख्य चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं हो सकते। थायरॉइड समस्याओं के लिए सही निदान और उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत महत्वपूर्ण है।

FAQs

1. क्या मैं थायराइड का घरेलू उपचार कर सकता हूं?

हां, थायराइड का घरेलू उपचार संभव है। 
उदाहरण के लिए:
स्वस्थ आहार: प्रोटीन, मध्यम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स, और न्यूनतम मात्रा में अनसैचुरेटेड वसा वाले स्वस्थ भोजन करें।
नियमित पानी पीना: रोजाना 6-8 गिलास पानी पीना।
प्रोबायोटिक्स : प्रोबायोटिक्स खाने से आपके पाचन तंत्र को सही तरीके से काम करने में मदद मिल सकती है।
नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करना थायरॉइड की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।

2. थायराइड में क्या खाने से बचना चाहिए? 

थायराइड वाले लोगों को अधिक सोया के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि सोया थायरॉइड हार्मोन को अवशोषित होने से रोकता है।गैस या एसिडिटी बनाने वाले आहार खाने से भी बचना चाहिए।

3. थायराइड में आयुर्वेदिक घरेलू उपचार कैसे मदद कर सकते हैं? 

अश्वगंधा- अश्वगंधा थायरॉइड के लिए एक आयुर्वेदिक घरेलू उपचारों में से एक है। अश्वगंधा का उपयोग T3 और T4 थायराइड हार्मोन उत्पादन को बढ़ाता है। ब्राह्मी- यह एक ऐसी महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी है जो अधिक T4 उत्पन्न करके थायराइड गतिविधि को बढ़ाने में सक्षम होती है, ब्राह्मी की विशेषता है कि यह हाइपोथायरायडिज्म को सफलतापूर्वक ठीक करने की क्षमता रखती है। गुग्गुल- गुग्गुल में T3 और T4 होता है जो हाइपोथायरायडिज्म का इलाज करने में सकारात्मक भूमिका निभाता है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है और इसका उद्देश्य किसी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। उचित चिकित्सा परामर्श के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श लें।

References: 

  1. https://files.givewell.org/files/DWDA%202009/Interventions/Iodine/Vanderpump%202011.pdf
  2. https://www.hopkinsmedicine.org/health/treatment-tests-and-therapies/thyroid-hormone-replacement-therapy
Dr. Shankar Rao Avatar

Dr. Shankar Rao

Dr. Rao has achieved great success in his career, with 5 research projects and 4 books to his credit, as well as a Monograph. In addition to receiving the Bharat Scout & Guide Award from the President of India, Dr Rao has also won the Young Scientist Award from S.V. University, Tirupati.

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