सेक्सुअल स्वास्थ्य और आयुर्वेद: योग्य सेक्स जीवन के लिए आयुर्वेदिक सुझाव

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ये बात हम सभी जानते हैं, कि सेक्स के शरीर में ऊर्जा होना कितना आवश्यक है। जब शरीर उर्जावान रहती है,तभी आप अपने पार्टनर के साथ एक अच्छा सेक्स रिलेशनशिप बना पाते हैं।सेक्स के लिए जिनके शरीर में ऊर्जा एकत्रित नहीं हो पाती है, उनकी सेक्स लाइफ बेहतर नहीं हो पाती है। इसी कारण से आयुर्वेद में कुछ नियम बताए हैं, जिनको अपने में शामिल करके आप एक हेल्दी सेक्स लाइफ पा सकते हैं। आप सभी जानते हैं, कि युगों से हमारे यहां आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग किया जा रहा है। सेक्सुअल स्वास्थ्य के लिए ऐसे ही कुछ नियम इस प्रकार से हैं।

आयुर्वेद के अनुसार सेक्स के नियम

  1. आयुर्वेद का मानना है कि जब महिला पार्टनर को पीरियड्स आ रहे हों तो कपल को सेक्स करने से बचना चाहिए। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से एंडोमेट्रियोसिस नामक स्थिति उत्पन्न हो सकती है (एंडोमेट्रियल कोशिकाएं गर्भाशय के बाहर बढ़ती हैं, अक्सर अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब में)।
  2. आयुर्वेद के अनुसार, एक आइडल सेक्स पोजीशन वह है जहां महिला अपना चेहरा ऊपर की ओर करके लेटी हो।
  3. आयुर्वेद का भी मानना है कि बहुत अधिक वजन वाले या मोटे लोगों को सेक्स करने से बचना चाहिए।
  4. केवल तभी सेक्स करें जब आपके प्राइवेट अंग साफ और स्वस्थ हों (क्योंकि यह संक्रमण और संबंधित जटिलताओं को रोकने में मदद करता है)।
  5. आयुर्वेद के अनुसार, वफादारी और एक दूसरे पर विश्वास ही किसी रिश्ते को आगे बढ़ाती है। रिश्तों में धोखाधड़ी, गलत व्यवहार या अपनी पत्नी को धोखा देना एक ऐसा अपराध है जो केवल विनाश का कारण बनता है।
  6. आयुर्वेद गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के तुरंत बाद जोड़े के यौन संबंध बनाने के खिलाफ है। व्यक्ति को अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। इसमें आगे कहा गया है कि सी-सेक्शन के मामले में 5 महीने का समय और सामान्य प्रसव के मामले में 2-3 महीने का अंतराल एक स्वस्थ यौन जीवन सुनिश्चित करने में काफी मदद करेगा (महिला को अच्छी तरह से ठीक होने में मदद करेगा)।
  7. आयुर्वेद हिंसक सेक्स का सख्त विरोध करता है। ऐसा माना जाता है कि प्यार करना आपकी आत्मा को डराने के बजाय उसे शांत करना है। सेक्स के दौरान हिंसा बिल्कुल भी स्वस्थ्य नहीं है।
  8. आयुर्वेद यौन अंगों का उपयोग करके सेक्स करने में विश्वास रखता है। इस प्रकार, आयुर्वेद के अनुसार ओरल सेक्स और इसी तरह के अन्य कार्य इसमें वर्जित किए गए हैं।
  9. आयुर्वेद प्रमुख महत्व के दिनों जैसे त्योहारों, विभिन्न ग्रहणों, पूर्णिमा या अमावस्या की रातों पर सेक्स करने की प्रथा का समर्थन नहीं करता है।
  10. खाली पेट या अधिक भोजन के बाद सेक्स करने से वात और पित्त में असंतुलन पैदा होकर कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। असंतुलन पाचन समस्याओं, सिरदर्द, गैस्ट्राइटिस को जन्म दे सकता है।
  11. आयुर्वेद वृद्ध महिलाओं या बच्चों के साथ यौन संबंध बनाने के सख्त खिलाफ है।
  12. हमेशा तभी सेक्स करें जब दोनों पार्टनर आरामदायक स्थिति में हों। यह सुनिश्चित करना है कि आप बिना किसी चोट के संभोग का आनंद उठा सकें।
  13. आयुर्वेदिक में  लिखे के अनुसार अगर आप बीमार हैं या शारीरिक और मानसिक रूप से फिट नहीं हैं तो कभी भी सेक्स न करें।
  14. आयुर्वेद के अनुसार जानवरों के साथ यौन संबंध बनाना (पशुत्व) अस्वास्थ्यकर माना जाता है।
  15. जब आपको खुद को हल्का करना हो हर बार सेक्स के बारे में ही सोचना कोई बुद्धिमानी की बात नहीं है।

आयुर्वेद के अनुसार, आपकी सेक्स लाइफ चार मौसमों के अनुसार आपके शरीर की ताकत में बदलाव होता है।

  • मानसून और गर्मी के दौरान शरीर की ताकत सबसे कम होती है, इसलिए उस दौरान (पंद्रह दिन में एक बार) कम सेक्स करें।
  • स्प्रिंग सीजन और गर्मियों के दौरान तीन दिनों में एक बार सेक्स करने की सलाह दी जाती है।
  • सर्दी के मौसम में शरीर की ताकत चरम पर होती है इसलिए रोजाना सेक्स कर सकते हैं।

सेक्स के दैरान स्टैमिना बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा

  1. शिलाजीत: शिलाजीत स्टैमिना बढ़ाने में बेहतरीन काम करता है, यही कारण है कि इसे इंडियन वियाग्रा के नाम से जाना जाता है। यह यौन प्रदर्शन को बेहतर बनाने और कमजोरियों से निपटने में मदद करता है।
  1. अश्वगंधा: अश्वगंधा एक और जड़ी बूटी है, जो पुरुषों में यौन इच्छा को बेहतर बनाने और बांझपन से निपटने में मदद करती है।
  1. स्वर्ण भस्म: पुरुषों में कम कामेच्छा और शीघ्रपतन जैसी यौन समस्याओं के इलाज के लिए स्वर्ण भस्म सबसे अच्छी औषधि में से एक मानी जाती है। यह यौन कमजोरी के इलाज में भी मदद करता है।
  1. जयफल: जयफल शीघ्रपतन से निपटने में सबसे अच्छा काम करता है। यह यौन जीवन को बेहतर बनाने में भी मदद करता है और महिलाओं के लिए इसे वियाग्रा के नाम से जाना जाता है। इसकी सुगंध का उपयोग अक्सर यौन इच्छाओं को जगाने के लिए किया जाता है और यह आपको यौन क्रिया में शामिल होने से पहले आराम पाने में मदद कर सकती है।
  2. केसर: यह सेक्स के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में काफी मदद कर सकता है। इसे दूध के साथ मिलाकर पीने से आपके साथी को ‘उत्तेजित’ करने में मदद कर सकता है, जिससे सेक्स जीवन में सुधार हो सकता है।

यदि आपको सेक्स से जुड़ी कोई परेशानी है तो आप हमेशा आयुर्वेद डॉक्टरों से परामर्श कर सकते हैं और अपने प्रश्नों के उत्तर पा सकते हैं।

FAQs

क्या आयुर्वेदिक सुझाव से सेक्स लाइफ बेहतर बन सकती है?

हां, बिल्कुल आयुर्वेदिक में किसी भी समस्या के दौरान सेक्स करने की सलाह नहीं दी जाती है, इसी कारण आप किसी भी जटिलता से भी दूर रह सकते हैं।

आयुर्वेद ओरल सेक्स को क्यों सपोर्ट नहीं करता?

आयुर्वेदिक प्राकृतिक सेक्स को सपोर्ट करता है, ओरल सेक्स आप्रकृतिक सेक्स के अंतर्गत आता है। इस कारण से आयुर्वेद ओरल सेक्स को सपोर्ट नहीं करता है।

आयुर्वेदिक के नियम में बताई गई दवाएं क्या असरदार होती हैं?

जी हां, इसमें बताई गई सभी दवाएं आयुर्वेदिक हैं, ये पूरी तरह से असरदार होती हैं, लेकिन यदि आपको किसी तरह का हेल्थ कंडीशन है तो इन्हें उपयोग करने से पहले किसी डॉक्टर की सलाह लेना जरुरी है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है और इसका उद्देश्य किसी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। उचित चिकित्सा परामर्श के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श लें।

References

  1. https://kripalu.org/resources/six-ayurvedic-practices-better-sex-life
  2. https://www.ayurveda.org/blog/ayurveda-and-its-role-in-sexual-health
  3. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3705695/
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Dr. Pawan Kumar Sharma

Dr. Pawan Kumar Sharma is an adept medical professional with an M.D in Ayurveda from Gujrat Ayurveda University where he was the university topper of his batch. In his B.A.M.S years in the renowned Devi Ahilya University, Indore, Dr Sharma was awarded two gold medals for his academics.

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